नवआरक्षक पढ़ेंगे श्रीमद्भागवत गीता, प्रदेश के पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों में नवाचार की शुरुआत

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ग्वालियर: मध्य प्रदेश के पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों में अब नवआरक्षक श्रीमद्भगवत्गीता के श्लोकों का पाठ करेंगे। मार्गशीर्ष माह के आरंभ के साथ ही यह नई पहल पूरे राज्य के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में शुरू की गई है। इससे पहले यहां श्रीरामचरितमानस पाठ कराया जा रहा था।एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने बताया कि गीता जीवन का सार है। इसके श्लोक नवआरक्षकों को न केवल हर परिस्थिति में धैर्य और संतुलन सिखाएंगे, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्यों को समझने में भी मदद करेंगे। इस पहल की शुरुआत ग्वालियर के तिघरा स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में की गई है। अब हर दिन ध्यान सत्र से पहले गीता के श्लोकों का वाचन होगा और उनका अर्थ भी बताया जाएगा, ताकि प्रशिक्षु आरक्षक इनसे प्रेरणा ले सकें।गौरतलब है कि राज्य के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, पचमढ़ी, उज्जैन, सागर, रीवा और उमरिया में स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों में इस समय करीब 4,500 नवआरक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं। जुलाई में शुरू हुए इस प्रशिक्षण सत्र में पहली बार नवआरक्षकों को बेसिक पुलिस ट्रेनिंग के साथ बीएसएफ जैसी कठोर शारीरिक ट्रेनिंग और आयुर्वेदिक ज्ञान भी दिया जा रहा है। प्रतिदिन नवआरक्षकों को मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखने के लिए ध्यान सत्र होता है। इससे पहले वे श्रीरामचरितमानस का पाठ पढ़ते हैं। अब मार्गशीर्ष माह में श्रीमदभागवत गीता के श्लोक भी नवआरक्षकों को पढ़ाए जाएंगे।यहां पर यह भी बता दें कि एडीजी सिंह पहले भी गीता के प्रचार-प्रसार से जुड़े रहे हैं। ग्वालियर रेंज के आईजी रहते हुए उन्होंने जेलों में बंद कैदियों को गीता का पाठ कराया था, साथ ही विभिन्न शासकीय संस्थानों में गीता की प्रतियां वितरित की थीं।
संविधान की भावना के खिलाफ:
पुलिस की इस पहले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया कॉर्डिनेटर अभिनव बरौलिया ने कहा कि पुलिस जैसी धर्मनिरपेक्ष संस्था में धार्मिक ग्रंथों का पाठ कराना संविधान की भावना के खिलाफ है। सरकार प्रशासनिक संस्थाओं को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना है, न कि धार्मिक शिक्षा देना। अब सरकार भगवद्गीता, रामचरितमानस जैसे पाठों के माध्यम से पुलिस विभाग का भगवाकरण कर रही है। इससे सरकारी संस्थाओं की निष्पक्षता पर प्रश्न उठते हैं।