भोपाल: वैसे तो मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2028 को प्रस्तावित है ,लेकिन अपनी पुरानी गलतियों से सबक लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस में बदलाव की आहट दिखाई और सुनाई दे रही है। दरअसल,विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित होकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बुरी तरह से टूट गया था। ऐसे समय प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जीतू पटवारी की टीम में डॉ. संजय कामले को कांग्रेस के संगठन प्रभारी के रूप में नियुक्त कर नए शुरुआत की कोशिश की गई।प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में डॉ.संजय कामले सबसे काम उम्र के संगठन प्रभारी हैं। युवा संजय कामले वैसे तो झाबुआ रतलाम लोकसभा उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया की जीत में अपनी संगठन क्षमता का परिचय दे चुके हैं। साथ ही पिछले कार्यकारिणी में भी कई अहम् पदों पर काम कर चुके हैं। लेकिन उनकी क्षमता का असली परिचय संगठन प्रभारी के रूप में ही होना है। शायद कामले इस जिम्मेदारी के लिए तैयार भी थे। लगातार पराजय से टूटे मनोबल ने कांग्रेस संगठन को भी काफी नुकसान हुआ। लिहाजा,धरातल पर कांग्रेस संगठन को मजबूत करना सबसे बड़ी चुनौती है,कामले ने इसी पर काम करना शुरू कर दिया है। एसआईआर की घोषणा से पहले ही 60 हजार से ज्यादा बीएलए उन्होंने बनाकर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर दी। प्रदेश कांग्रेस के 1008 ब्लॉक अध्यक्षों के पास नियमित रूप से सीधे पार्टी के कार्यक्रम और दिशा- निर्देश पहुंच रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों और सदस्यों के बड़े डेटाबेस को भी संकलित किया गया है,जिसके माध्यम से उन्हें फिर से सक्रिय करने की योजना है। संजय कामले मानते हैं की संगठन प्रभारी होने के नाते उनकी पहली जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के विजन को पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने के अलावा संगठन को सशक्त और प्रभावी बनाने की है। कामले स्वीकार करते हैं कि उनका मुकाबला बीजेपी के धनबल-सत्ता और संगठन से है।2028 के विधानसभा चुनाव में यदि मुकाबले में रहकर जीत दर्ज करनी है तो इसकी शुरुआत हो चुकी है,गतिशील बनाने पर ध्यान देना है। वैसे संगठन प्रभारी के रूप में डॉ.संजय कामले जिलों का दौरा भी कर रहे हैं और उनकी मंशा है प्रत्येक जिले में कांग्रेस कमेटी का अपना खुद का दफ़्तर होना चाहिए। इसके लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं से आर्थिक सहयोग लेने पर भी विचार किया जा रहा है। सन् 2022 मे प्रदेश मे संगठन के पुनर्निर्माण हेतु मंडलम सेक्टर के प्रदेश सहप्रभारी बने तथा सन् 2023 मे मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के प्रदेश सह प्रभारी बने।इसके लिए डॉ कामळे ने मंडलम सेक्टर, और बीएलए,बूथ मैनेजमेंट की तीन मार्गदर्शिकाओं का लेखन भी किया। लिहाजा पूरे प्रदेश में कांग्रेस के एक बड़े वर्ग से वो परिचित भी हैं।कामले ने बताया कि प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का निरंतर सहयोग मिलने से संगठन को गढऩे में बेहद ही आसानी हो रही है। जाहिर है युवा जोश और नई सोच के साथ मध्यप्रदेश के संगठन प्रभारी डॉ.संजय कामले पूरे पीसीसी को एक नए और आधुनिक कार्यालय में बदल दिया है,पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कार्यकाल और फोटो गैलरी के साथ पार्टी के इतिहास के चित्र पीसीसी परिसर में लगाए गए हैं।साथ लाइब्रेरी की स्थापना की सोच भी परवान चढ़ गई। पहली बार पीसीसी ने अपना वार्षिक कैलेंडर और संदर्भ ग्रन्थ जारी किया है । प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री संजय कामले का कहना है कि वर्ष 2025 के अंत तक संगठन का विस्तार ग्राम और वार्ड स्तर तक हो जाएगा। इसी क्रम में पचमढ़ी में जिला अध्यक्षों का दस दिवसीय प्रशिक्षण चल रहा है ,जो हर स्तर के प्रमुख का प्रशिक्षण होगा।पंचायत और वार्ड स्तर की जो नई इकाइयां गठित होंगी उनके अध्यक्षों को जिलों में ही प्रशिक्षित कराया जाएगा। इसके लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। 2026 से मिशन 2028 और 29 की तैयारी में एक साथ पूरी टीम जुटेगी।
कामले का सफर:
संजय कामळे ने एम. ए. (इतिहास एवं पुरातत्व) एम. फिल व पीएच. डी. तक शिक्षा ग्रहण की है।डॉ.संजय कामळे ने सन 2009 मे बतौर बूथ ऐजेंट राऊ विधानसभा से अपनी राजनैतिक यात्रा प्रारंभ की ।सन् में 2011 मे उन्हे जवाहरलाल नेहरू लीडरशिप इंस्टीट्यूट मे बतौर राष्ट्रीय प्रशिक्षक के रुप मे चयनित किया गया , इस दौरान 12 राज्यो मे कांग्रेस के विभिन्न प्रशिक्षण शिविर को संबोधित किया। संजय कामले राहुल गांधी की टीम का अहम् हिस्सा हैं।
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