आधुनिक युग में जंग मैदान से पहले डेटा और एल्गोरिदम में लड़ी जा रही : राजनाथ सिंह

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नई दिल्ली (मध्य स्वर्णिम): केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि आधुनिक युग में, युद्ध के मैदान से पहले, लड़ाई डेटा और एल्गोरिदम में लड़ी जा रही है। इसलिए, फ्रंटियर टेक्नोलॉजी में फिजिकल निवेश से कहीं अधिक बौद्धिक निवेश करने और नवाचार तथा अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि 2029 तक कम से कम 3 लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन और 50000 करोड़ रुपए तक का रक्षा निर्यात करना। मंत्रालय ने 2025 को सुधार का वर्ष घोषित किया है, जिसका उद्देश्य इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नीतियों में निरंतर सुधार करना है। पिछले 10 वर्षों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप रक्षा उत्पादन 2014 में 46,425 करोड़ रुपए से बढ़कर अब रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। निजी क्षेत्र का योगदान 33,000 करोड़ रुपए से अधिक है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान में उनकी भागीदारी को दर्शाता है। रक्षा निर्यात जो दस वर्ष पहले 1000 करोड़ रुपए से भी कम था, आज बढ़कर रिकॉर्ड 23,500 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामूहिक प्रयासों के महत्व को बताया।