भोपाल: निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता के दम पर पाठकों का विश्वास हासिल करने वाल दैनिक मध्य स्वर्णिम समाचार पत्र ने अपने सफलतम 13 पूर्ण करने के साथ अपने 3 संस्करण और लॉन्च कर दिए है। समर्पण सेवा समिति द्वारा आयोजित शरद पूर्णिमा महोत्सव के मौके परम पूज्य उत्तम स्वामी के करकमलों से दैनिक मध्य स्वर्णिम समाचार पत्र के 3 संस्करण इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम लॉन्च किए गए हैं। इस मौके पर समाचार पत्र के प्रधान संपादक राकेश व्यास ने मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, मंत्री करण सिंह वर्मा, गौतम टेटवाल,विधायक अरुण भीमावत, मोहन नागर, अमर सिंह यादव, राजेंद्र गंवाई सहित संतों को अखबार की प्रति भेंट की। इस मौके सभी ने मध्य स्वर्णिम समाचार पत्र को बधाई दी।
तपन भौमिक की वजह से सीएम की किरकिरी, उत्तम स्वामी की अनायास नाराजगी दूर करने डॉ.यादव को मांगनी पड़ी माफी:
भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व में संघ के प्रचारक के रूप में रहे तपन भौमिक की वजह के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को अपमानित होना पड़ गया। मौका था समर्पण सेवा समिति सलकनपुर द्वारा आयोजित शरद पूर्णिमा महोत्सव 2025 का । इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को आमंत्रित किया गया था। लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यक्रम की व्यस्तता के चलते वह कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए। मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले कार्यक्रम में शामिल न हो पाने की मजबूरी आयोजकों को बता दी थी।लेकिन, तपन भौमिक ने महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी को इस बात से अवगत ही नहीं करवाया। इस मामले से अनभिज्ञ उत्तम स्वामी जब मंच पर बोल रहे थे तब उन्होंने मोहन यादव को लेकर जो टिप्पणी की वो सुनकर सभी हक्के बक्के रह गए। उत्तम स्वामी ने भरे मंच से कहा कि जिस इंसान के कार्यक्रम में आने के लिए 2 घंटे का समय नहीं है, उनसे वर्चुअल कैसे बात करें ? बिजासन माई के दरबार में हमें किसी की जरूरत नहीं है,चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो।जाहिर है संवाद के अभाव में एक राष्ट्र संत को लगा कि उसको तवज्जो नहीं दी गई ! इतना ही नहीं उत्तम स्वामी ने भरे मंच पर तपन भौमिक को भी फटकार लगाते हुए मुख्यमंत्री को वर्चुअल जोडऩे से मना कर दिया। मंच में उत्तम स्वामी के नाराजगी भरे शब्द मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव भी सुन रहे थे। इस पर डॉक्टर मोहन यादव ने उत्तम स्वामी से माफी मांगते हुए कहा कि गुरु जी आप ने ही तो कहा आगे बढ़ो तो हम बढ़ गए। मैने तपन भौमिक जी को बता दिया था कि मैं नहीं आ पाऊंगा। हां यह सही है कि पहले मैंने कार्यक्रम में आने के लिए अपनी अनुमति दी थी,लेकिन जो काम आप लोगों ने सौंपा है उसकी व्यस्तता के कारण मेरा आना संभव नहीं हो रहा था। अब तपन भौमिक जी आपको बताया कि नहीं यह मुझे नहीं पता। मोहन यादव ने उत्तम स्वामी जी की डांट को आशीर्वाद के रूप में स्वीकार किया। इस पूरे घटनाक्रम में तपन भौमिक की मुख्य भूमिका रही। जिसकी वजह से महामंडलेश्वर की नाराजगी मीडिया की सुर्खी बन गया।और तो हद तो तब हो गई जब यह पूरा घटनाक्रम चल रहा था, तब भी तपन भौमिक ने अपनी भूल को सुधार करने की कोशिश नहीं की। तय है महामंडलेश्वर ईश्वरानंद जी महराज की नाराजगी क्षणिक थी और वह दूर भी हो गई लेकिन महामंडलेश्वर और कर्मठ मुख्यमंत्री के बीच अविश्वास के बीज बोने की जो कोशिश तपन भौमिक जैसे मंझे हुए अनुभवी राजनेता ने की है, उसके परिणाम को कई वर्षों तक देखने मिलेंगे।
जैविक खेती आज की महती आवश्यकता है: मुख्यमंत्री
समर्पण सेवा समिति सलकनपुर द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव 2025 के अवसर पर स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकर तथा स्वर्गीय भागवत शरण माथुर की स्मृति में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जैविक कृषि, गौसेवा तथा नर्मदा सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मां बिजयासन की छत्रछाया में सलकनपुर क्षेत्र में नर्मदा यात्रियों की सेवा और गौ माता की सेवा के लिए कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्र सेवी स्व. भगवत शरण माथुर और स्व. प्रभाकार राव केलकर की स्मृति में सेवाभावियों को सम्मानित करने का कार्य प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सलकनपुर जिला सीहोर में शरद पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयोजन से जुड़े पदाधिकारी गण को शरद पूर्णिमा पर हुए इस विशेष कार्यक्रम के लिए बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। समर्पण सेवा समिति, सलकनपुर द्वारा शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर स्व. प्रभाकर राव केलकर की स्मृति तथा स्व. भगवत शरण माथुर की स्मृति में गोवंश आधारित जैविक कृषि पुरस्कार और उत्कृष्ट नर्मदा सेवा पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि समिति द्वारा उत्तम स्वामी जी के निर्देशन में नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि शरद पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का वह पर्व है जो हमें पवित्रता, सेवा और समर्पण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि संतों के आशीर्वाद और उनके मार्गदर्शन से समाज में सद्भाव, नैतिकता और सेवा भावना का संचार होता है। उन्होंने कहा कि समर्पण सेवा समिति जैसे संगठन समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती आज की महती आवश्यकता है, यह न केवल धरती को जीवंत रखती है बल्कि आने वाली पीढिय़ों को स्वस्थ जीवन का वरदान देती है। उन्होंने कहा कि महामंडलेश्वर ईश्वरानंद महाराज (उत्तम स्वामी) द्वारा सेवा का यह जो प्रकल्प चलाया जा रहा है वह न केवल सराहनीय है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक वैभव की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि समर्पण सेवा समिति द्वारा नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था जैसा पुण्य का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेवा हमारी संस्कृति में है, आज इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वर्गीय भागवत शरण माथुर तथा स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकर की स्मृति में गौवंश आधारित जैविक कृषि पुरस्कार तथा उत्कृष्ट नर्मदा सेवा पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा तथा कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कहा कि उत्तम स्वामी द्वारा इस आश्रम के माध्यम से सेवा का जो कार्य किया जा रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना है ताकि आने वाली पीढ़ी संस्कारवान बने और देश के लिए हमेशा समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि भूमि में रासायनिक पदार्थों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है।