करोड़ों का आसामी निकला रिटायर्ड इंजीनियर-इन-चीफ

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भोपाल (मध्य स्वर्णिम): लोकायुक्त टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में सेवानिवृत्त इंजीनियर-इन- चीफ जीपी मेहरा के कई ठिकानों पर छापा मारा। छापे में नकदी, सोना- चांदी, महंगी संपत्तियां और दस्तावेज बरामद हुए, जो उनकी वैध आय से कई गुना अधिक हैं। लोकायुक्त भोपाल की टीम ने फरवरी 2024 में लोक निर्माण विभाग से रिटायर हुए गोविंद प्रसाद मेहरा पर आय से अधिक संपत्ति बनाने का मामला दर्ज किया है। गोपनीय सूचना के आधार पर जांच शुरू हुई, जिसमें मेहरा ने अपनी सेवा के दौरान भ्रष्टाचार कर स्वयं और परिवार के नाम पर भोपाल, सैनी गांव (सोहागपुर) और नर्मदापुरम में करोड़ों की अचल संपत्तियां बनाईं। जिला नर्मदापुरम की तहसील सोहागपुर के ग्राम सैनी में हुई छापेमारी में तो चौंकाने वाली चीजें मिलीं। यहां 17 टन शहद, खेती की जमीन, बहुत महंगे कृषि उपकरण, 6 ट्रैक्टर, 32 निर्माणाधीन कॉटेज, 7 बने हुए कॉटेज, 1 भवन, 2 मछली पालन केंद्र, 2 गौशालाएं, 2 बड़े तालाब और एक मंदिर का पता चला है। यहां से भी प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जाएगी। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत केस दर्ज किया। लोकायुक्त ने जीपी मेहरा के चार ठिकानों पर छापा मारा। इसमें (1) भोपाल के मणीपुरम कॉलोनी में ए-6 स्थित निवास, (2) ओपल रेजेंसी, दाना पानी फ्लैट नंबर 508, (3) गोविंदपुरा इंडस्ट्री एरिया में के.टी. इंडस्ट्रीज, और (4) नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर तहसील के ग्राम सैनी शामिल है।

जीपी मेहरा का खेल जारी है:
वर्तमान में जीपी मेहरा मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन में कार्य कर रहे हैं। यहां पर सड़क, साइनज के टेंडर को लेकर गंभीर गड़बडिय़ों के आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेती फर्मों को फायदा पहुंचाने के लिए पात्रता की मूल शर्तें पूरी न करने के बावजूद क्वालिफाई कर दिया। इससे टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए। इस मामले की भी वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की गई हैं।