भोपाल: राजधानी भोपाल के प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री एक्सीलेंस हमीदिया कॉलेज में सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। कॉलेज भवन का एक जर्जर हिस्सा अचानक ढह गया। गनीमत रही कि जिस गलियारे का हिस्सा टूटा, वहां घटना के समय कोई मौजूद नहीं था। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सेवानी के मुताबिक, हादसे से महज 10 मिनट पहले वे उसी रास्ते से गुजरे थे। प्राचार्य अनिल सिवनी ने बताया कि कॉलेज की जर्जर इमारत की हालत को लेकर पिछले कई वर्षों से उच्च शिक्षा विभाग व संबंधित एजेंसियों को पत्र भेजे गए थे, लेकिन किसी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई। बार-बार की चेतावनियों के बावजूद प्रशासन की अनदेखी अब विद्यार्थियों और स्टाफ की जान पर भारी पड़ सकती थी। हमीदिया कॉलेज पहले केवल आर्ट्स और कॉमर्स संकाय के लिए था, लेकिन साइंस संकाय की कक्षाएं शुरू होने के बाद छात्रों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। हालांकि, भवन की क्षमता नहीं बढ़ाई गई। हादसे के बाद अब प्रभावित हिस्से की ऊपरी मंजिल की कक्षाएं भी बंद करनी पड़ी हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ा है। बतादें कि हमीदिया कॉलेज को प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन इस प्रतिष्ठा के बावजूद जरूरी निर्माण कार्य अब तक अधूरे हैं। छात्रों को न तो पर्याप्त कक्षाएं मिल पा रही हैं, न ही बुनियादी सुविधाएं। जानकारी के अनुसार सात साल पहले कॉलेज का सी-ब्लॉक तालाब में समा गया था, और तब भी यही वादे किए गए थे कि नए भवन का निर्माण होगा। लेकिन आज तक वह काम सिर्फ फाइलों और आश्वासनों तक सीमित रहा। जिस गलियारे का हिस्सा गिरा, वह कॉलेज की मुख्य आवाजाही का मार्ग था। यहीं से प्राचार्य, स्टाफ और कॉमर्स के छात्र क्लास में जाते थे।
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