18 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली को किया बरी

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नई दिल्ली: निठारी हत्याकांड के दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने कोली की क्यूरेटिव याचिका स्वीकार कर ली, जिसके बाद अब वह जेल से बाहर आ सकेगा क्योंकि बाकी सभी मामलों में वह पहले ही बरी हो चुका हैं। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने दिया, जिसने कोली की याचिका पर खुले कोर्ट में सुनवाई की थी। अदालत ने कोली की सजा को रद्द करते हुए कहा कि अगर वह किसी और मामले में वांछित नहीं हैं, तो उसे तुरंत रिहा किया जाए। यह फैसला उन परिवारों और कानूनी हलकों के लिए अहम है, जो पिछले 18 वर्षों से इस मामले पर नजर रखे हुए थे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अभियोजन पक्ष सुरेंद्र कोली के खिलाफ ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर पाया। अदालत ने माना कि जांच के दौरान कई गंभीर प्रक्रियागत खामियां रहीं, जिसके चलते दोषसिद्धि बरकरार नहीं रखी जा सकती। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि किसी व्यक्ति को सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर उम्रकैद या फांसी नहीं दी जा सकती, जब तक कि आरोप बिना किसी संदेह के साबित न हों। सुरेंद्र कोली 2006 के नोएडा निठारी कांड में मुख्य आरोपी था। उस वक्त निठारी गांव में बच्चों के गायब होने और फिर उनके शवों के मिलने से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। जांच एजेंसियों ने कोली और उनके नियोक्ता मोनिंदर सिंह पंधेर को गिरफ्तार किया था। कोली को कई मामलों में दोषी ठहराया गया और उसे फांसी की सजा भी सुनाई गई थी, जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया। कोली ने अपनी सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।