नई दिल्ली (मध्य स्वर्णिम): देश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम में चढ़ाए जाने वाले लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड की एक डेयरी ने 5 साल तक तिरुपति मंदिर को 68 लाख किलो नकली घी की सप्लाई की, जिसकी कीमत करीब 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है। सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बताया कि ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी’, जो 2019 से 2024 तक घी की आपूर्ति कर रही थी, उसने कभी दूध या मक्खन की असली खरीदारी नहीं की, बल्कि रासायनिक पदार्थों जैसे मोनोडाईग्लिसराइड्स और एसिटिक एसिड एस्टर का इस्तेमाल कर कृत्रिम घी तैयार किया। जांच एजेंसी ने यह जानकारी आरोपी अजय कुमार सुगंध की गिरफ्तारी के बाद दी, जिसने इन केमिकल्स की सप्लाई डेयरी को की थी। सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड के भगवानपुर में स्थित इस डेयरी के संचालक पोमिल जैन और विपिन जैन ने नकली देशी घी यूनिट बनाई और दूध खरीद के झूठे रिकॉर्ड तैयार किए। जब 2022 में भोले बाबा डेयरी को ब्लैकलिस्ट किया गया, तब भी इन लोगों ने अन्य कंपनियों के नाम पर जैसे वैष्णवी डेयरी (तिरुपति), माल गंगा डेयरी (उत्तर प्रदेश) और एआर डेयरी फूड्स (तमिलनाडु) के जरिये नकली घी की सप्लाई जारी रखी। जांच में यह भी सामने आया कि जुलाई 2023 में टीटीडी द्वारा रिजेक्ट किए गए चार टैंकर घी (जिनमें पशु वसा की मिलावट थी) को भोले बाबा डेयरी ने लेबल बदलकर फिर से मंदिर को भेज दिया। एफएसएसएआई और सीबीआई टीम जब तमिलनाडु के डींडिगुल स्थित एआर डेयरी प्लांट पहुंची, तो पता चला कि रिजेक्ट घी वापस नहीं गया, बल्कि स्थानीय स्टोन क्रशिंग यूनिट में भेजा गया, जो वैष्णवी डेयरी के पास स्थित थी।




