इंदौर में आगामी 13 नवंबर को होगी टेकग्रोथ कॉन्क्लेव

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भोपाल (मध्य स्वर्णिम): मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में 13 नवंबर को आयोजित होने वाला मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 प्रदेश को तकनीक, नवाचार और निवेश का वैश्विक केंद्र बनायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किये जा रहे इस आयोजन से राज्य की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति के अगले चरण की रूपरेखा तय की जायेगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि मध्यप्रदेश टियर-2 भारत की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सके। कॉन्क्लेव में राज्य सरकार का टेक्नोलॉजी-फट इकोनॉमी विजन भी प्रस्तुत किया जायेगा। इसमें दर्शाया जाएगा की मध्यप्रदेश नवाचार, कौशल और उद्यमिता के समन्वय से समावेशी आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कॉन्क्लेव के प्रतिभागी उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन बैठक भी करेंगे। कॉन्क्लेव की थीम पॉवरिंग टियर-2, प्रोपेलिंग इंडिया रखी गई है। कॉन्क्लेव 2.0 का उद्देश्य राज्य के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार, निवेश और सहयोग के माध्यम से नई गति लाना है। कॉनक्लेव की थीम इस तथ्य को रेखांकित करेगी कि भारत की विकास यात्रा में अब टियर-2 शहर अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। मध्यप्रदेश इस परिवर्तन का केंद्र बन रहा है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जौसे शहर तेजी से टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और उद्यमिता के नए हब के रूप में उभर रहे हैं।’ टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 नीति-निर्माताओं, वैश्विक निवेशकों और उद्योग जगत के प्रमुख नेतृत्वकर्ता उद्यमियों का संगम होगा। कॉनक्लेव में इस बार 500 से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। कॉन्क्लेव का शुभारंभ एमपी जीसीसी लीडरशिप कनेक्ट सत्र से होगा। इस सत्र में देशभर के 30 से अधिक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसीएस) के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह संवाद सत्र मध्यप्रदेश को पसंदीदा जीसीसी गंतव्य के रूप में स्थापित करने की रणनीति पर केंद्रित रहेगा। इस दौरान एमपी जीसीसी विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा, जो राज्य की दीर्घकालिक टेक्नोलॉजी रणनीति का आधार बनेगा। मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में ड्रोन राउंडटेबल का आयोजन भी होगा। इसमें नीति- निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ और ड्रोन इनोवेशन कंपनियाँ भाग लेंगी। सत्र में राज्य के ड्रोन ईकोसिस्टम, विनिर्माण अवसरों, सरकारी सेवाओं और औद्योगिक उपयोगों में ड्रोन तकनीक के विस्तार पर केंद्रित रहेगा। मुख्य सत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे संबोधित करेंगे।
किसानों की फसल बचाने दूरदर्शी सोच:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने के लिये शाजापुर, उज्जैन और आस-पास के इलाकों में हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक का सफल प्रयोग वन्य जीवों को सुरक्षित पकड़ कर स्थानांतरित करने के लिए किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक बार फिर संवेदनशीलता दर्शाते हुए लंबे समय से कृष्णमृगों और नीलगायों द्वारा फसलों को पहुंचाये जा रहे भारी नुकसान से बचाने के लिये निर्देश जारी किये थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर किसानों की इस गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए देश में अपनी तरह का पहला प्रयास किया गया। अभियान के अंतर्गत वन्य जीवों को बिना हानि पहुँचाए अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से पकड़ कर सुरक्षित क्षेत्रों में छोड़ा गया।