इंदौर (मध्य स्वर्णिम): भारत सरकार ने देश के लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचे को वैश्विक स्तर का बनाने के लिए अपने महत्वाकांक्षी ‘स्माइल’ प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में देश के 8 शहरों में इंटीग्रेटेड स्टेट और सिटी लॉजिस्टिक प्लान बनाए जाने हैं, जिसमें मध्यप्रदेश से इंदौर का चयन किया गया है। यह योजना एशियाई डेवलपमेंट बैंक के साथ मिलकर पूरी की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी लाना और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक लचीला और मजबूत बनाना है। इस इंटीग्रेटेड प्लान के तहत सबसे पहले इंदौर में मौजूदा लॉजिस्टिक संसाधनों की पहचान की जाएगी। इसके बाद, विशेषज्ञों द्वारा इन संसाधनों में मौजूद कमियों का विश्लेषण किया जाएगा और उन्हें दूर करने के लिए बेहतर सुविधाओं का खाका तैयार होगा। यह पहल राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का समर्थन करती है, जिससे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स वेयरहाउसिंग और के मानकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना का एक बड़ा लाभ यह भी है कि यह सिर्फ माल परिवहन तक सीमित नहीं है। इसके तहत इंदौर के ट्रैफिक की समस्या का समाधान भी खोजा जाएगा।
योजना लागू होने पर ये होंगे मुख्य बदलाव:
➤ सड़क, रेल, हवाई और जलमार्गों को एकीकृत कर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब बनेंगे।
➤ वेयरहाउसिंग सुविधाओं के मानक तय किए जाएंगे, जिससे सप्लाई चेन प्रभावी बनेगी।
➤ निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देकर नए लॉजिस्टिक्स पार्क में निवेश आकर्षित किया जाएगा।
➤ इलेक्ट्रिक वाहनों और वैकल्पिक ईंधन से कार्बन उत्सर्जन कम किया जाएगा।
➤ महिला उद्यमियों और श्रमिकों के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।




