शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने का निर्णय

0

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक गुरूवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। खरीफ 2025 सीजन की ड्यू डेट 28 मार्च, 2026 और रबी 2025-26 सीजन की ड्यू डेट 15 जून 2026 नियत की गयी है। योजनान्तर्गत खरीफ एवं रबी सीजन की निर्धारित तिथि (ड्यू डेट) तक ऋऋण की अदायगी करने वाले किसानों से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) द्वारा 3 लाख रूपये तक के दिये गये अल्पावधि फसल ऋऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा। राज्य शासन द्वारा सभी किसानों के लिए 1.5 प्रतिशत सामान्य ब्याज अनुदान और निर्धारित ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा। वर्तमान वर्ष में 23 हजार करोड़ रूपये वितरण का लक्ष्य रखा गया हैं। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना को आगामी 5 वर्षों (वर्ष 2025-30 तक) के लिए स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। योजना अंतर्गत सतत् विकास के लक्ष्यों का राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों के सतत् विकास लक्ष्यों और उनके संकेतक के आधार पर डैशबोर्ड के माध्यम से रैंकिंग तय की जायेगी। डैशबोर्ड आधारित रैंकिंग अनुसार दो शीर्ष प्रदर्शन किये जाने वाले जिलों को पुरस्कार राशि का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 1 करोड़ रुपए और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 75 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का वार्षिक प्रावधान किया जाएगा। चयनित जिला अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से किसी भी लक्ष्य में सुधार के लिए पुरस्कार राशि का उपयोग कर सकता है।

चिकित्सालयों में बिस्तरों की संख्या का उन्नयन और नए पद सृजन की मंजूरी:

मंत्रि-परिषद द्वारा जिला चिकित्सालय टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर एवं डिण्डौरी में 800 बिस्तरों का उन्नयन और चिकित्सालयों के संचालन के लिए 810 नए पद की स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें 543 नियमित, 04 संविदा एवं आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से 263 पदों की स्वीकृति दी गयी हैं। पदों के सृजन पर वार्षिक व्यय 39 करोड़ 50 लाख रूपये की भी स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में बिस्तर की संख्या 300 से बढ़ाकर 500, नीमच में 200 से बढ़ाकर 400, सिंगरौली में 200 से बढ़ाकर 400, श्योपुर में 200 से बढ़ाकर 300 और जिला चिकित्सालय डिंडौरी में बिस्तरों की संख्या 100 से बढ़ाकर 200 की गयी है।