जबलपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की महत्वपूर्ण वार्षिक बैठक आयोजित होने जा रही है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक चलेगा, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा कई वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेंगे। विजयनगर क्षेत्र में होने वाली इस बैठक के लिए व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ के 46 प्रांतों से प्रतिनिधि शामिल होंगे। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह-सरकार्यवाह, अखिल भारतीय अधिकारी, क्षेत्र एवं प्रांत स्तर के संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक तथा समविचारी संगठनों के प्रमुख नेता उपस्थित रहेंगे।यह आयोजन संघ की संगठनात्मक गतिविधियों, रणनीतियों और भविष्य की योजनाओं पर विचार- विमर्श का प्रमुख मंच साबित होगा।आरएसएस के 101वें वर्ष में प्रवेश के बाद शताब्दी समारोह की समीक्षा और आने वाले समय की दिशा-निर्देश पर फोकस रहेगा। विशेष रूप से विजयादशमी संबोधन, शताब्दी वर्ष के राष्ट्रीय आयोजनों की पड़ताल तथा अक्टूबर 2026 तक की ‘पंच परिवर्तन’ जैसी पहलों पर चर्चा होगी। कार्यक्रम की शुरुआत 28 अक्टूबर से होगी, जब अखिल भारतीय अधिकारी, क्षेत्र कार्यवाह एवं प्रचारक अपनी बैठक करेंगे। 29 अक्टूबर को प्रांत स्तर के कार्यवाह और प्रचारकों का सत्र चलेगा, उसके बाद मुख्य तीन दिवसीय बैठक आरंभ होगी। झारखंड समेत सभी प्रांतों से प्रतिनिधिमंडल पहुंचेंगे। शहर में यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है, ताकि आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।इस तीन दिवसीय बैठक के दौरान देश की मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक स्थिति, सरसंघचालक मोहन भागवत के विजयादशमी संबोधन, संघ शताब्दी समारोह से जुड़े आयोजन, अक्टूबर 2026 तक चलने वाले कार्यक्रम, और ‘पंच परिवर्तन’ जैसे विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा। पहले दिन यानी 28 अक्टूबर को सभी अखिल भारतीय अधिकारी, क्षेत्र कार्यवाह और क्षेत्र प्रचारक भाग लेंगे। दूसरे दिन 29 अक्टूबर को प्रांत कार्यवाह, प्रांत प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक प्रमुख चर्चा में शामिल होंगे। अंतिम दिन 30 अक्टूबर को बैठक के निष्कर्षों और आगामी कार्ययोजना पर विचार किया जाएगा।