भोपाल (मध्य स्वर्णिम): भोपाल नगर निगम ने शहर भर में जून माह में 1,200 से अधिक ऐसे मकानों की पहचान की थी, जो कभी भी ढह सकते हैं। इनमें से 800 जर्जर मकानों को तुरंत खाली करने की नोटिस भी जारी किया गया था लेकिन चार माह बाद भी मकान खाली नहीं हुए। ऐसे में भोपाल में भी इंदौर जैसी घटना हो सकती है। दरअसल टीटी नगर में एक जर्जर मकान गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बाद नगर निगम ने इन मकानों को तोड़ने का आदेश जारी किया था। पुराने भोपाल में कई 100 साल से भी पुरानी बिल्डिंग हैं जो जर्जर हालत में हैं और कभी भी ढह सकती हैं। इंदौर के सेंट्रल कोतवाली थाना क्षेत्र के कोष्टी मोहल्ले में सोमवार की रात करीब 10 बजे एक 3 मंजिला इमारत अचानक से धराशाई हो गई थी। इस घटना में एक युवती सहित 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गये थे।
जर्जर मकानों की स्थिति:
भोपाल की कई इमारतें 50 से 100 साल पुरानी हैं और भीड़भाड़ वाले बाजारों में खड़ी इन बिल्डिंगों के ढहने का खतरा और भी ज्यादा है। इन मकानों में रह रहे लोगों को खतरा बना हुआ है, लेकिन नगर निगम की कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
समस्याएं और चुनौतियां:
जर्जर मकानों को तोड़ने में कई समस्याएं और चुनौतियां हैं। इनमें से एक बड़ी समस्या है विस्थापन की प्रक्रिया। कई मकानों में किरायेदार और मालिक के बीच विवाद है, जो कार्रवाई में देरी का कारण बन रहा है। इसके अलावा, राजनीतिक हस्तक्षेप भी एक बड़ी समस्या है।