भोपाल (मध्य स्वर्णिम): नई जीएसटी दरें सोमवार से लागू हो गई हैं। इस बदलाव के चलते मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाली जीएसटी राशि में इस साल लगभग 3500 करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान है। हालांकि, वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नई जीएसटी दरों का लंबे समय में इस नुकसान के बजाए फायदा ज्यादा होगा। प्रदेश सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष में जीएसटी से करीब 39 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। नई दरों के अनुसार, कुछ वस्तुओं पर कर बढ़ा है, तो कई पर घटा है। केंद्र सरकार की तरफ से जीएसटी की चार दरों को घटाकर सिर्फ दो कर दिया गया है। अब सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें ही रखी गई हैं। इसमें मध्यम वर्ग के रोजमर्रा व अन्य सामानों पर कर में कमी आई है। वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार नए जीएसटी दरों से प्रदेश को 3000 से 3500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वस्तुएं सस्ती होने से लोगों के पास पैसा आएगा और उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। इससे उत्पादन के साथ ही खरीदारी भी बढ़ेगी। इसका फायदा लंबे समय में ज्यादा मिलेगा। इसका आधार यह सिद्धांत है कि कम कर दरों से उपभोक्ताओं को सीधे लाभ होता है और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती है। मध्य प्रदेश सरकार इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए उत्पादन और बिक्री बढ़ाने की रणनीतियों पर काम कर रही है, ताकि जीएसटी में कमी का असर कम से कम महसूस हो। वर्तमान में प्रदेश में पंजीकृत व्यवसायियों की कुल संख्या 5 लाख से भी अधिक पहुंच चुकी है।