इंदौर (मध्य स्वर्णिम): पिछले 8 सालों से स्वच्छता का सिरमौर इंदौर में 22 सितंबर को सड़कों पर कोई कार नहीं चली। कलेक्टर, मेयर, जिला जज, निगम निगम आयुक्त समेत कई बड़े अधिकारी और नेता भी पैदल, साइकिल या स्कूटी से ही अपने दफ्तर पहुंचे। इसकी वजह थी ‘नो कार डे’। इंदौर में हर 22 सितंबर को नो कार डे मनाया जाता है। सभी सरकारी अधिकारी, आम आदमियों दफ्तर, बाजार आदि जाने के लिए कार से दूरी बनाई। वहीं खुद ट्रैफिक पुलिस भी साइकिल से ड्यूटी पर गई। महापौर पुष्यमित्र भार्गव सुबह अपने सहयोगियों के साथ साइकिल से नगर निगम गए। वहीं हाईकोर्ट के जस्टिस रूसिया सहित अन्य न्यायाधीश साइकिल पर सवार होकर हाईकोर्ट गए। पुलिस कमिश्नर, निगम आयुक्त जिला कलेक्टर सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि भी सोमवार को कार के स्थान साइकिल दौड़ाते नजर आए। हर साल 22 सितंबर को नो कार डे मनाया जाता है। सप्ताह की शुरुआत के पहले दिन ज्यादातर शहरवासी घरों से निकले, लेकिन वे कारों के बजाए दोपहिया वाहन या सायकल पर नजर आए। गीताभवन से पलासिया क्षेत्र तक का हिस्सा कार फी जोन बनाया गया। यहां कारें नजर नहीं आई। शहर के अन्य हिस्सों में भी काफी कम कारों को उपयोग किया गया। नो कार डे को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण मित्र साधनों को महत्व देना और ईधन की बचत करना है। मेयर पुष्य मित्र भार्गव एमआईसी मेंबरों के साथ सायकल पर निकले।
महापौर ने किया था नो कार डे मनाने का आह्वान:
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहरवासियों से सोमवार को नो कार डे मनाने का आह्वान किया । इसके तहत शहर के नागरिकों को वाहनों की भीड़, जानलेवा वायु प्रदूषण और मानसिक तनाव से निजात दिलाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने का प्रयास होगा। महापौर ने लोगों से कार के बजाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने और स्वच्छता के साथ ही ट्रैफिक सुधार में भी इंदौर को देश का नंबर वन शहर बनाने की अपील की ।।दावा है कि पिछले साल नो कार डे के दिन वायु प्रदूषण कम हुआ था। सुबह 7 बजे पलासिया से राजबाडा और फिर पलासिया तक साइक्लोथान का आयोजन हुआ। सुबह 8.30 से दोपहर 2 बजे तक पलासिया से गीता भवन के बीच नो कार जोन बनाकर ओपन स्ट्रीट ट्रैफिक कार्निवाल मनाया गया।
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