नई दिल्ली (मध्य स्वर्णिम): काठमांडू में नेपाल सेना के मुख्यालय के बाहर बुधवार शाम को अलग-अलग उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे जेन-जेड गुटों के झड़प हो गई। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब अंतरिम नेता चुने जाने के लिए बातचीत का दौर जारी है। केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और तब से यह पद खाली है। नेपाल में पीएम पद के लिए तीन नाम प्रमुखता से सामने आए हैं। पहला काठमांडू के मेयर और रैपर बलेंद्र शाह बालेन, दूसरा पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की और तीसरा बिजली बोर्ड के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के बाद, कुलमान घिसिंग नेपाल के प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे आगे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, ‘जेन जेड’ सूत्रों ने एक बयान में कहा कि कुलमान घिसिंग को नेपाल में अंतरिम मंत्रिमंडल का नेतृत्व करना चाहिए। कुलमान घिसिंग नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदारों में से एक हैं। देश के बिजली बोर्ड के पूर्व प्रमुख रहे घिसिंग ने काठमांडू घाटी में लंबे समय से चली आ रही बिजली कटौती की समस्या को खत्म करने के लिए व्यापक पहचान हासिल की थी। 25 नवंबर 1970 को रामेछाप के बेथान में जन्मे घिसिंग ने भारत के जमशेदपुर में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में नेपाल के पुलचौक इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अपने लीडरशिप स्किल्स को और बेहतर बनाने के लिए एमबीए की पढ़ाई भी की। इस रेस में धरान के मौजूदा मेयर, हरका राज संपंग राय उर्फ ? हरका संपंग भी इस रेस में शामिल हैं।
कुलमन ने पढ़ाई भारत में की है:
नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे 54 वर्षीय कुलमन घीसिंग देश के बिजली बोर्ड के पूर्व प्रमुख हैं। घीसिंग ने काठमांडू घाटी में लंबे समय से चली आ रही बिजली कटौती का हल खोजते हुए इस समस्या को खत्म किया था। इसके लिए उन्हें व्यापक प्रशंसा मिली थी। हालांकि नेपाल सरकार ने मार्च में कुलमन के पद से बर्खास्त कर दिया था। कुलमन की बर्खास्तगी के पीछे उनकी ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का से मतभेद था।