बाढ़ अल्लाह की रहमत, बाल्टियों में भर लें पानी : ख्वाजा आसिफ

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इस्लामाबाद (मध्य स्वर्णिम): पाकिस्तान में बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं और राहत- बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने विवादित बयान देते हुए कहा कि यह बाढ़ अल्लाह की देन है। उन्होंने हम पाकिस्तानियों पर अपनी रहमत दिखाई है। ये पानी उन्होंने हमें अपने लोगों को बचाने के लिए दिया है। लोगों को चाहिए कि वे इस पानी को सुरक्षित तरीके से घरों की बाल्टी-टब में जमा करें। उन्होंने कहा कि नागरिकों को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के बजाय बाढ़ के पानी को टब और बाल्टियों में भरकर सुरक्षित रखना चाहिए। इसे अल्लाह की भेजी हुई रहमत बताते हुए उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की। उनके इस बयान ने पाकिस्तान में बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने इसे बेतुका और संवेदनहीन बताया है। ख्वाजा आसिफ के बयान पर विपक्षी नेताओं ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि सरकार को लोगों की मदद के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, न कि ऐसी बयानबाजी करनी चाहिए जो पीड़ा को और बढ़ाए। कई सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने भी सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि सरकार उनकी तकलीफ समझने के बजाय उपदेश दे रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने राहत सामग्री भेजना शुरू कर दिया है। कई देशों ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता और दवाइयां उपलब्ध कराने का वादा किया है। हालांकि खराब बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक कमजोरी के कारण राहत सही तरीके से सभी तक नहीं पहुंच पा रही।

बाढ़ की तबाही और जनजीवन पर असर:
पाकिस्तान के कई प्रांतों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और लाखों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। खेती-बाड़ी को भारी नुकसान हुआ है और पशुधन बह जाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। आपदा प्रबंधन एजेंसियां लगातार राहत सामग्री पहुंचा रही हैं। इस साल 26 जून तक पूरे पाकिस्तान में 854 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।