नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कांग्रेस नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि संघ को व्यक्तियों के समूह के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसका पंजीकरण कराना जरूरी नहीं है। भागवत ने एक सवाल-जवाब सत्र में कहा आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी। क्या आप उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटिश सरकार के साथ पंजीकृत होते? उन्होंने आगे बताया कि आजादी के बाद भारत सरकार ने ऐसे संगठनों के लिए पंजीकरण को अनिवार्य नहीं बनाया है। भागवत ने कहा हम ‘बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स’ के रूप में वर्गीकृत हैं और एक मान्यता प्राप्त संगठन हैं।




