नई दिल्ली: 22वें आसियान शिखर सम्मेलन 2025 को वर्चुअली संबोधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आसियान सम्मेलन की थीम सवावेशिता और सततता है, जो कि जो डिजिटल समावेशन, खाद्य सुरक्षा और मजबूत सप्लाई चेन जैसे साझा प्रयासों में साफ दिखाता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा अपने आसियान सहयोगियों के साथ खड़ा रहा है, चाहे वह प्राकृतिक आपदाएं हों या अन्य चुनौतियां। उन्होंने एचएडीआर (ह्यूमनिटेरियन असिस्टेंस और डिजास्टर रिलीफ), समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी में बढ़ती साझेदारी का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, ग्रीन एनर्जी और साइबर सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा, अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत को संजोने और व्यक्ति से व्यक्ति संबंधों को मजबूत करने के लिए हम काम करते रहने वाले है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 21वीं सदी हमारी सदी है। यह भारत और आसियान की सदी है। मुझे विश्वास है कि आसियान कम्युनिटी विजन 2045 और विकसित भारत 2047 का लक्ष्य पूरी मानवता के लिए उज्जवल भविष्य का मार्ग तैयार करेगा। आप सभी के साथ भारत कंधे से कंधा मिलाकर आप सभी के साथ काम करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।
मन की बात: छठ महापर्व एकता का प्रतीक, इसमें जरुर भाग लें:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 127वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। कार्यक्रम की शुरुआत में धूमधाम से मनाए जा रहे छठ महापर्व का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कि छठ महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच गहरी एकता का प्रतीक है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है, यही भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि यदि मौका मिले तो छठ उत्सव में जरूर भाग लें, क्योंकि यह पर्व भारत की एकता और लोक आस्था का जीवंत उदाहरण है। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का भी विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा, इस अभियान ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इसी के साथ पीएम मोदी ने कहा, कि इस बार उन इलाकों में भी दीये जले हैं, जहां कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। लोग अब उस आतंक का स्थायी अंत चाहते हैं, जिसने उनके बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया था। त्योहारों के मौसम में देश की अर्थव्यवस्था और स्वदेशी वस्तुओं की बढ़ती लोकप्रियता पर भी प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता जताई।




