भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जबलपुर संस्कृति, संस्कार और शिक्षा की त्रिवेणी है। यह संस्कारधानी भी है और न्यायधानी भी। जहां हर दिशा में कौशल ही कौशल की नर्मदा बहती है, वही महाकौशल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकौशल को निसर्ग ने अप्रतिम सौंदर्य से नवाजा है। महाकौशल पर मां नर्मदा की अद्भुत कृपा है। हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट जबलपुर में कर यहीं से विकास प्राथमिकताएं तय की थीं। जबलपुर में प्रदेश का सबसे बड़ा एलीवेटेड कॉरीडोर बना कर लोकार्पित कर दिया गया है। इससे जबलपुर के व्यापार- व्यवसाय के विकास को नए पंख लग गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को जबलपुर के महाकौशल ऑटोनॉमस कॉलेज के सभागार में विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन सहित मेधावी विद्यार्थियों एवं शिक्षाविदों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्र और समाज के विकास के लिए प्रदेश के सभी शैक्षणिक केंद्र अध्ययन और अध्यापन का एक मजबूत आधार तैयार करें। स्कूल और कॉलेज केवल डिग्री देने वाले न बनकर शिक्षा के मंदिर और देवालय बनें। स्कूल- कॉलेजों में रोजगारपरक शिक्षा दी जाए। इससे हमारे विद्यार्थी अध्ययन करते हुए ही रोजगार के क्षेत्र में दक्षता हासिल कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के लाखों युवाओं ने स्टार्ट-अप तैयार किए हैं, जिन्होंने समाज और अर्थव्यवस्था दोनों को नई दिशा दी है।
परमात्मा ने शरीर कर्म के लिए दिया है, सत्कर्मों से समाज की करें सेवा: सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि परमात्मा ने हमें शरीर अच्छे कर्मों के लिए दिया है, यदि हमारे कर्म सत्कर्म में बदल जाएं तो समाज का कल्याण हो जाएगा। रोटरी क्लब इसी दिशा में पूरे मनोयोग से कम कर रहा है और समाज को एक नई दिशा दे रहा है, जो हम सबके लिए प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को संस्कारधानी जबलपुर में रोटरी इंटरनेशनल के अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा रोटरी इंटरनेशनल अवार्ड प्राप्त करने वाले रोटेरियन अरुण कांत अग्रवाल एवं संदीप जैन को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रोटरी क्लब की मानद सदस्यता प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मां नर्मदा का उद्गम अमरकंटक से होता है और वह समुद्र में समाहित हो जाती है। मां नर्मदा ने जबलपुर को अद्भुत आशीर्वाद दिया है, इससे जबलपुर का नाम संस्कारधानी पड़ा है। मां नर्मदा के आशीर्वाद से ही जबलपुर का काला पत्थर संगमरमर में बदला जा रहा है यह केवल जबलपुर में ही संभव है।




