दो साल पहले जिम्मेदार न सोते तो मासूम जाग रहे होते

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इंदौर (मध्य स्वर्णिम): मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। सरकार का कहना है कि आरोपी कंपनी कोल्ड्रिफ के मालिक को गिरफ्तार किया जाएगा। इसके लिए पुलिस टीम चेन्नई और काछीपुरम रवाना की गई है। लेकिन इंदौर में दवा फैक्ट्री में दो साल पहले ही जहरीली कफ सिरप पकड़ी गई थी, लेकिन कार्रवाई की बजाय फाइल दबा दी गई। तब यदि जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से न सोए होते तो 20 से ज्यादा मासूस जाग रहे होते। दो साल पहले राज्य की लैब में सैंपल फेल होने के बाद कोलकाता की सेंट्रल ड्रग लैब में भी दवा में घातक रसायन डाइइथाइल ग्लाइकोल (डीईजी) की अत्यधिक मात्रा पाई गई। इस मामले में अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है और अब छिंदवाड़ा में इसी रसायन वाली कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद नए सिरे से जांच शुरू हुई है। इंदौर की दवा फैक्ट्री में बन रहा जहरीला कफ सिरप दो साल पहले ही पकड़ा जा चुका था। हालांकि कार्रवाई की बजाय मामला दबा दिया गया। पहले राज्य की लैब में दवा के सैंपल फेल हुए। इसके बाद केंद्र की ड्रग लैब में भी दवा जहरीली होने की बात साबित हुई। नियमानुसार रिपोर्ट के आधार पर दवा निर्माता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और कोर्ट में परिवाद दायर होना था लेकिन अधिकारी रिपोर्ट छुपाते रहे। नए अधिकारी के हाथ पुराने मामले की फाइल लगी और खाद्य औषधी प्रशासन अब नियमों के अनुसार कार्रवाई की बात कर रहा है।

भोपाल का आदेश भी ताक पर रखा:
इंदौर के अधिकारी ने भोपाल के आदेश को भी ताक पर रख दिया और अब तक दवा बनाने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई है। पूरे मामले में इंदौर के वरिष्ठ औषधि निरीक्षक और उपसंचालक कार्यालय की भूमिका संदेह के दायरे में है। नियमानुसार सैंपल जांच में फेल होने के बाद तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाती है। ताजा मामले में जानबूझकर कार्रवाई अटकाई जाती रही।भोपाल से ढाई महीने पहले निर्देश मिला तो भी इंदौर के अधिकारी ने कार्रवाई नहीं की। आशंका है कि भ्रष्टाचार में डूबा सरकारी सिस्टम ही जांच और प्रकरण को कमजोर करना चाहता था। क्योंकि समय बीतने के साथ दवा के सैंपल एक्सपायर्ड और नष्ट हो जाते। ऐसे में अदालत में सरकारी जांच रिपोर्टों को भी चुनौती देना आसान होता। इस मामले में इंदौर के वरिष्ठ औषधि नियंत्रक राजेश जीनवाल की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला तूल पकड़ता देख जीनवाल अब छुट्टी पर चले गए हैं।