नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायधीश जस्टिस बी आर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले शख्स के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 71 साल के वकील राकेश किशोर का लाइसेंस रद्द कर कानूनी पेशे से सस्पेंड कर दिया है। सोमवार को घटना के बाद आदेश जारी कर कहा है कि राकेश किशोर अब भारत के किसी भी कोर्ट, ट्रिब्यूनल या अथॉरिटी में पेश नहीं हो सकते, न ही किसी केस में दलील या पैरवी कर सकते हैं। हालांकि तीन घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने वकील को छोड़ दिया है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने से मना कर दिया है। BCI चेयरमैन और सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, प्रारंभिक जांच के आधार पर यह सामने आया कि सोमवार सुबह 11-35 बजे सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर-1 में चल रही सुनवाई के दौरान एडवोकेट राकेश किशोर ने अपने स्पोर्ट्स शू उतारे और उन्हें माननीय मुख्य न्यायाधीश की ओर फेंकने की कोशिश की। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
मुख्य न्यायाधीश पर हमले से हर भारतीय नाराजः मोदी
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर सोमवार को हुए हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है। पीएम मोदी इस घटना के सामने आने के बाद सीजेआई गवई से फोन पर बात की है। इससे पहले लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी के नेताओं ने इस कृत्य की आलोचना की है।