रूस से तेल खरीदने पर कोई रोक नहीं, पुरी बोले आपूर्ति बाधित हुई तो परिणाम भुगतने होंगे

0

नई दिल्ली (एजेंसी): रूम से कच्चे तेल की खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं है और यदि आपूर्ति बाधित होतो है तो दुनिया को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राक्तिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यह बात कहो। ईरान और वेनेजुएला का उदाहरण देते हुए पुरी ने कहा कि कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में हमेशा प्रतिबंधों का अनुपालन किय है। यह टिप्पणी ऐसे समर में आई है जब अमेरिका ने रूस से कच्चा तेल और हथियार खरोदने पर भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क के अलाना 25 प्रतिशत का दंडात्मक शुल्क भी लगाया है। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार नीतियों पर जारी महत्वपूर्ण वार्ता के बीच पत्रकारों से बात करते हुए पुरी ने कहा कि रूस प्रतिदिन लगभग 10 मिलियन बैरल के साथ विश्व स्तर पर कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, और उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आपूर्ति बाधित होती है तो विश्व को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पुरी ने यहां मंत्राददाताओं से कहा, कर्जा ऐसी चीज है जिसके बिना आप नहीं रह सकते… यदि आप दूसरे सबसे बड़े उत्पादक को हटा देंगे तो आपको खपत में कटौती करनी होगी। इसके परिणाम काफी गंभीर हींगे। राजनयिक से राजनेता बने इस व्यक्ति ने कहा कि यही कारण है कि विश्व रूसी तेल पर प्रतिबंध नहीं लगा रहा है। पुरी ने कहा कि रूम से खरीद पर मूल्य सीमा लगाई गई है और जब भी ऐसी कोई बात होती है तो वह भारतीय कंपनियों से कम कीमत पर खरीदारी करने को कहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तुर्की, जापान और नूरोपीय संघ सहित कई देश रूस से तेल खरीदते हैं। पुरी ने तुरंत कहा कि इस समय रूस द्वारा दी जा रही छूट बहुत अधिक नहीं है। मंत्री ने कहा कि तेल की मांग और आपूर्ति के बीच व्यापक संतुलन आवश्यक है, तथा उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आगे भी कच्चे तेल का मूल्य 65-68 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के बीच बना रहेगा। पुरी ने संकेत दिया कि यह अमेरिका के हित में है जो शेल गैस पर जोर देने वाला एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है कि वह सुनिश्चित करें कि जीवाश्म ईंधन को कोपतों में बहुत अधिक गिरावट न आए। उन्होंने बताया कि मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने के प्रांत संवेदनशील अस्थिर घरेलू राजनीतिक माहौल तथा शेल गैस पर निर्भरता के कारण अमेरिका के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि कीमतें न गिरें।