सागर (मध्य स्वर्णिम): रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इनके लिए भोजन की कमी को पूरा करने के लिए दूसरे अभयारण्यों व जंगलों से चीतल और कृष्णमृग पकड़कर लाए जा रहे हैं, ताकि बाघों के पर्याप्त शिकार की व्यवस्था हो सके। इस लिहाज से यहां पूर्व में भी चीतल लाकर छोड़े गए थे। देश में पहली दफा शाजापुर में बोमा तकनीक और हेलीकॉप्टर से हांका लगाकर कृष्णमृग और नीलगाय पकड़े जा रहे हैं। इनको गांधीसागर अभयारण के अलावा सागर-दमोह के रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में छोड़ा जा रहा है। बीते रोज शाजापुर से 153 कृष्णमृग लाकर छोड़े गए हैं। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व बाघों के लिए पहचाना जाता है। यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।
कृष्णमृगों की निगरानी भी की जा रही:
कृष्णमृगों को रिजर्व के अंदर नौरादेही रेंच के कुशयारी बीट में छोड़ा गया है। इनकी सतत निगरानी और सुरक्षा के लिए टीम तैनात की गई है। जो इनके मूवमेंट और ग्रास लैंड में इनके व्यवहार पर नजर रख रही है।
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