छात्रों में बढ़ती आत्महत्याओं को लेकर सख्त सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आठ हफ्तों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम से जुड़े दिशानिर्देशों के पालन पर रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने केंद्र को भी अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए आठ हफ्तों का समय दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे आठ हफ्तों के भीतर यह बताएं कि छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और आत्महत्या के मामलों से निपटने के लिए अदालत द्वारा तय की गई दिशानिर्देशों को लागू करने की स्थिति क्या है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र सरकार को भी आठ हफ्तों के भीतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें इन दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देना होगा। यह मामला 25 जुलाई को दिए गए उस फैसले से जुड़ा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे दो महीने के भीतर निजी कोचिंग संस्थानों के लिए अनिवार्य पंजीकरण, छात्र सुरक्षा मानक और शिकायत निवारण प्रणाली से संबंधित नियम अधिसूचित करें।सोमवार की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि जुलाई के फैसले में केंद्र सरकार को 90 दिनों के भीतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था।