भोपाल (मध्य स्वर्णिम): राजधानी से गिरफ्तार सैयद अदनान नामक एक सीए छात्र को आईएसआईएस का सोशल मीडिया हैंडलर पाया गया है, जो ज्ञानवापी मस्जिद के जज को ‘काफिर’ कहकर धमकाने वाली पोस्ट के लिए जिम्मेदार था। यह गिरफ्तारी 4 जून 2024 को हुई थी और इसके बाद उसे यूपी पुलिस ने 10 दिन की रिमांड पर लिया था। जमानत मिलने के बाद से वह युवकों को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने और चरमपंथी सामग्री पोस्ट करने में सक्रिय हो गया था। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियो सर्वे का ऑर्डर देने वाले जज को धमकी देने वाली पोस्ट (काफिरों का खून आपके लिए हलाल है…) भोपाल से गिरफ्तार आतंकी सैयद अदनान ने इंस्टाग्राम पर की थी। जज की फोटो पर काफिर लिखा और उन्हें मारने के लिए उकसाया। इस मामले में लखनऊ के गोमती नगर थाने में केस दर्ज हुआ था। यूपी पुलिस ने इसके खिलाफ यूएपीए भी लगाया था। इससे पहले वह 12वीं के बाद ही जिहादी पेज और चैनलों को फॉलो करने लगा था। इसी दौरान आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हो गया। सीए का स्टूडेंट सैयद अदनान आईएसआईएस के लिए सोशल मीडिया हैंडलर के तौर पर काम करता था। वे आईएसआईएस से जुड़ी जेहादी वीडियो इंटरनेट से जुटाने का काम करता था। इन वीडियोज में मजहब के नाम पर मर मिटने जैसी तकरीरें होती थीं। इन्हें तोड़-मरोड़कर हदीसों से जोड़ा जाता था। इन वीडियो को तोड़ने-मरोड़ने और फर्जी तरीके से एडिट करने का काम दिल्ली का अदनान करता था। दोनों ही सिग्नल ऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सीरियाई ISIS कमांडर के संपर्क में रहते थे।
7 महीने में बनाया खतरनाक प्लान:
भोपाल का अदनान सात महीने पहले ही दिल्ली के अदनान के संपर्क में आया था। दिल्ली के मोहम्मद अदनान ने पुलिस को बताया कि 2023 में सादिक नगर में सरकारी फ्लैट्स में आने के बाद उसने इंस्टाग्राम पर कट्टरपंथी पेजों को फॉलो करना शुरू किया। एक ग्रुप में शामिल हो गया। शुरुआत में इस गु्रप में 2530 मेंबर थे। सीरिया स्थित हैंडलर अबू इब्राहिम अल कुरैशी ने आईएसआईएस से संबंधित वीडियो-फोटो और पीडीएफ उपलब्ध कराए थे। इन सामग्रियों और संपर्कों से प्रभावित होकर उसने आईएसआईएस खलीफा के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी, जिसका विडियो भी बनाया था।
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