भोपाल: एम्स भोपाल के जनरल मेडिसिन विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. सुनील पाटीदार को भारतीय रूमेटोलॉजी एसोसिएशन द्वारा 2 लाख का शोध अनुदान प्रदान किया गया है। यह अनुदान रूमेटॉयड आर्थराइटिस के मरीजों पर केंद्रित एक उन्नत शोध परियोजना के लिए दिया गया है। यह अध्ययन मेटाबोलोमिक प्रोफाइलिंग फॉर प्रेडिक्टिंग मेथोट्रेक्सेट रिस्पांस इन रूमेटॉयड आर्थराइटिस पेशेंट्स ए प्रॉस्पेक्टिव कोहोर्ट पायलट स्टडी विषय पर आधारित होगा। शोध का उद्देश्य यह पूर्वानुमान लगाना है कि रूमेटॉयड आर्थराइटिस के किन मरीजों पर मेथोट्रेक्सेट दवा अधिक प्रभावी सिद्ध होगी। शोध जनरल मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वैभव कुमार इंगले के मार्गदर्शन में संचालित किया जाएगा।
रूमेटॉयड आर्थराइटिस एक दीर्घकालिक और दर्दपूर्ण रोग:
रूमेटॉयड आर्थराइटिस एक दीर्घकालिक और दर्दपूर्ण रोग है, जो जोड़ों में सूजन, अकडऩ और कार्यक्षमता में कमी का कारण बनता है। आमतौर पर दी जाने वाली दवा मेथोट्रेक्सेट हर मरीज के लिए समान रूप से कारगर नहीं होती। इस शोध के माध्यम से ‘मेटाबोलोमिक प्रोफाइलिंग’ तकनीक का उपयोग करके मरीजों की दवा प्रतिक्रिया का पहले से आकलन किया जा सकेगा।
प्रभावी उपचार पद्धति तैयार करने में मददगार:
अनुकूल परिणाम मिलने पर यह शोध भविष्य में अधिक व्यक्तिगत और प्रभावी उपचार पद्धति तैयार करने में मददगार साबित हो सकता है। इससे रूमेटॉयड आर्थराइटिस से पीडि़त लाखों मरीजों को बेहतर जीवन गुणवत्ता और लक्षित उपचार मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी। एम्स भोपाल चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में लगातार उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। यह शोध अनुदान संस्थान की शोध गतिविधियों और राष्ट्रीय स्तर पर इसकी साख को और मजबूत करेगा।