मेरा घर खुला है खुला ही रहेगा अन्नदाताओं के लिए

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भोपाल (मध्य स्वर्णिम): मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार 18 अक्टूबर को सुबह से देर शाम तक किसान भाइयों के बीच रहेंगे और उनके साथ धनतेरस मनायेंगे। मुख्यमंत्री शनिवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित किसान सम्मेलन में किसान भाइयों से सीधा संवाद भी करेंगे। इसके बाद राजगढ़ जिले के ब्यावरा और सीहोर जिले के बिलकिसगंज झागरिया में आयोजित किसान सम्मेलनों में शामिल होकर किसानों को राहत राशि का वितरण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ब्यावरा में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को 277 करोड़ रूपये की राहत राशि का अंतरण करेंगे एवं 33 करोड़ रूपये की लागत की ब्यावरा नगर जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव यहां 193 करोड़ रूपये की लागत के 41 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण भी करेंगे। बाद में मुख्यमंत्री डॉ. यादव सीहोर जिले के बिलकिसगंज झागरिया में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल होंगे और यहां जिले के 2 लाख से अधिक किसानों को फसल क्षति की 118 करोड़ रूपये से अधिक की राहत राशि सिंगल क्लिक के जरिए किसानों के खाते में अंतरित करेंगे। मुख्यमंत्री निवास में किसान सम्मेलन मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित किसान सम्मेलन में किसानों के बीच उनसे उनके हित की बात करेंगे। किसानों से संवाद में मुख्यमंत्री राज्य सरकार द्वारा कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास की दिशा में उठाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी कदमों और नवाचारों पर भी प्रकाश डालेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव किसानों के साथ धनतेरस और दीपावली पर्व की शुरुआत करेंगे। किसान भाई सोयाबीन की फसल को भावांतर योजना के दायरे में लाने की युगांतकारी पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ यादव का आभार भी व्यक्त करेंगे। इस किसान सम्मेलन में नर्मदापुरम, भोपाल, सीहोर, राजगढ़, रायसेन और विदिशा जिलों के करीब 2500 से अधिक प्रगतिशील किसान शामिल होंगे।

कृषि के क्षेत्र में मप्र स्थापित कर रहा है नये कीर्तिमान:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में कृषि विकास और किसान कल्याण में मध्यप्रदेश सरकार प्राण-प्रण से जुटी हुई है। मध्यप्रदेश उत्पादक गतिविधियों में नवाचार कर रहा है। सरकार किसानों के हर सुख-दुख में उनके साथ खड़ी है। प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। उत्पादन में रिकार्ड दर्ज कर प्रदेश को अनेक अवार्ड हासिल हुए हैं। म.प्र. दालों के उत्पादन में प्रथम स्थान पर, खाद्यान उत्पादन में द्वितीय स्थान पर और तिलहन उत्पादन में तृतीय स्थान पर है। प्रदेश में त्रि-फसली क्षेत्र में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रदेश में नरवाई जलाने की घटनाओं में कमी (हतोत्साहित) करने के लिए प्रदेश में प्रभावी कार्यवाही की गई है। राज्य सरकार द्वारा रबी 2024-25 में उपार्जित गेहूँ पर राशि रूपये 175 प्रति क्विटंल प्रोत्साहन राशि प्रदाय की गई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फरवरी 2025 में लगभग 83.50 लाख से अधिक किसानों को करीब 1770 करोड़ रूपये किसान सम्मान निधि सिंगल क्लिक से अंतरित की गई।

मध्यप्रदेश में बनेंगे 200 नए हेलीपैड:
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसके तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू की जा रही हैं, जिससे सभी प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ा जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन साल के भीतर राज्य के हर प्रमुख स्थान तक हवाई संपर्क स्थापित हो, जिसके लिए मौजूदा हवाई पट्टियों के विस्तार के साथ-साथ बड़े पैमाने पर हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत इंदौर सहित पूरे प्रदेश में 200 हेलीपैड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।विमानन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजयकुमार शुक्ला ने हाल ही में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला मुख्यालयों पर हेलीपैड निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन के कलेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पंवार ने इंदौर का प्रतिनिधित्व किया। शुक्ला ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों और तहसील मुख्यालयों पर हेलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त शासकीय भूमि का चयन करें। इसके लिए शासकीय संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निगम मुख्यालयों जैसे सुरक्षित स्थानों को प्राथमिकता दी जा रही है।योजना के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। होटल, हॉस्पिटल, बड़ी टाउनशिप और अन्य संस्थान जिनके पास पर्याप्त भूमि है, उन्हें हेलीपैड निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

भदौरिया की काली कमाई के कई किरदार:
निलंबन के बाद सेवानिवृत्त हुए आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के यहां लोकायुक्त की छापेमारी की जांच दूसरे दिन भी जारी रही। अफसरों ने छापे में मिले दस्तावेजों से अवैध कमाई में साथ देने वालों के लिंक तलाशे। अपने पिता को भ्रष्टाचार से रोकने के बजाए बेटे और बेटी ने भी काली कमाई से अपना साम्राज्य खड़ा किया।बेटी एक कंपनी में साझेदार थी और करोड़ों रुपये की काली कमाई उसमें निवेश की। एक टाउनशिप में बन रहे बंगले का काम बेटी की कंपनी ही देख रही है। इसके अलावा बेटा सूर्यांश भी काली कमाई फिल्म निर्माण और अपने कारोबार को फैलाने में लगाता था। बेटे ने एक साझेदार के साथ इंदौर में करोड़ों रुपये निवेश कर एक जिम भी खोला था।लोकायुक्त पुलिस ने भदौरिया और उसके परिवार के बैंक खातों की जानकारी जुटाई। उनके और परिवार के खातों में कुल एक करोड़ 26 लाख रुपये जमा हैं। 20 से ज्यादा बीमा और अन्य पॉलिसियां भी जांच में मिलीं।पत्नी के नाम बैंक ऑफ बड़ौदा में एक लॉकर पाया गया है। कुल चार लॉकर विभिन्न बैंकों में भदौरिया और उसके परिवार के नाम पर हैं। अफसरों ने उन लॉकरों को फ्रीज कराया है और उन्हें भदौरिया तथा उसके परिवार की मौजूदगी में खोला जाएगा। पुत्र सूर्यांश भदौरिया की एक रेस्टोरेंट में भी साझेदारी मिली है, जिसमें सूर्यांश ने निवेश किया है।अब तक भदौरिया के पास कुल 20 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली है, जबकि उसके सेवाकाल में उसकी कुल तनख्वाह लगभग दो करोड़ रुपये थी। इतनी काली कमाई सामने आने के बाद ईडी भी अपनी जांच शुरू कर सकता है।