प्रकृति के प्रति आस्था ही हमें जीवन का सच्चा अर्थ सिखाती है : मुख्यमंत्री

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भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रकृति के प्रति आस्था ही हमें जीवन का सच्चा अर्थ सिखाती है। भारतीय संस्कृति ने सदैव प्रकृति के साथ सामन्जस्य से जीने की परम्परा अपनाई है। दुनिया के कई देश प्रकृति का दोहन कर रहे हैं पर भारत ने सदियों से प्रकृति का पोषण किया है। उपभोग प्रधान जीवन शैली वर्तमान के जलवायु संकट को बढ़ाती है जबकि उपयोग से पहले संरक्षण की समझ और भोग से पहले योग का संतुलन ही भारतीय संस्कृति का सार है। भोपाल प्रकृति और प्रगति का अनूठा संगम है। प्राकृतिक सुंदरता और जैव-विविधता सहेजे इस सुंदर शहर में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन शहर की विशेषता के अनुरूप है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पर्यावरण और जीवन शैली-जलवायु परिवर्तन और सतत विकास वैचारिक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य नीति आयोग, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और ऐप्को के संयुक्त तत्वावधान में मानव संग्रहालय में आयोजित संगोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। नर्मदा समग्र, सिकोईडिकोन, पैरवी और राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, कार्यक्रम के सह आयोजक हैं। जलवायु परिवर्तन के समाधान में राज्यों की भूमिका पर विचार विमर्श और व्यक्ति-समाज एवं सरकारों की सहभागिता से सतत विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है। उल्लेखनीय है कि जल, जंगल, जमीन, जैव विविधता और मानव जीवन के पहलुओं को प्रभावित कर रहे जलवायु संकट पर ब्राजील में नवंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन होगा। वैचारिक संगोष्ठी में प्राप्त सुझाव और विचार, ब्राजील के सम्मेलन में साझा किए जाएंगे। मध्यप्रदेश, इस चर्चा को आरंभ करने वाला भारत का पहला राज्य है। लिविंग द राइट वे की थीम पर आधारित संगोष्ठी में पर्यावरण और जीवन शैली, जलवायु और सतत विकास के बीच संबंधों का सुदृढ़ीकरण और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्यों की भूमिका जैसे विषयों पर विचार विमर्श हो रहा है।

बहुआयामी होगा प्रदेश का 70वां स्थापना दिवस समारोह:

प्रदेश का 70वां स्थापना दिवस समारोह बहुआयामी होगा। राज्य स्तरीय कार्यक्रम भव्य और दिव्य रूप में मनाया जाएगा। आगामी एक से तीन नवम्बर तक भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान बहुरंगी शिल्प मेला, सुगम संगीत, नाटक, जनजातीय लोक नृत्य, ड्रोन शो आदि होंगे। समारोह में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकॉस्ट) पहलीबार तकनीकी मार्गदर्शन देकर विशेष भूमिका में सामने आ रहा है। भोपाल के आकाश पर सबसे विशाल विजुअल सेलेब्रेशन पहलीबार दिखाई देगा। मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक विरासत, स्थापत्य कला, पयर्टन महत्व और जनजातीय सभ्यता को इस ड्रोन-शो में देखा जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्थापना दिवस समारोह के स्वरूप पर इस माह चार बार बैठकों में समीक्षा की है। गहन मंथन और चिंतन के बाद समारोह को मनोरंजन के साथ सार्थक संदेश देने का आयोजन बनाने के उद्देश्य से रचना की गई है। समारोह की थीम ‘उद्योग और रोजग़ार वर्ष 2025’ के अनुरूप प्रदेश में हुए नवाचारों और विकास के विशेष प्रयासों पर केन्द्रित है।