साइक्लोन ‘मोंथा’ का खतरा बढ़ा

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नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ अब तेजी से आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, यह 28 अक्टूबर की रात तक आंध्र तट से टकरा सकता है, जिसके दौरान हवाओं की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके चलते आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में हाई अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में बना यह तूफान गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है। इसके मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास तट से टकराने की संभावना जताई गई है। इस दौरान समुद्र में 2 से 4.7 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। शाम 5:30 बजे से रात 11:30 बजे तक ये लहरें तटीय इलाकों में कहर बरपा सकती हैं। सरकार ने एहतियात के तौर पर आंध्र प्रदेश के नेल्लोर से श्रीकाकुलम तक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ की 22 टीमें और एसडीआरएफ की यूनिट्स प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। प्रशासन ने 24×7 कंट्रोल रूम और 74 राहत केंद्र स्थापित किए हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी कर नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

रेलवे और हवाई सेवाओं पर असर:

साइक्लोन ‘मोंथा’ के कारण भारतीय रेलवे ने सुरक्षा को देखते हुए 65 ट्रेनों और कई फ्लाइट्स को रद्द कर दिया है। कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। वहीं, तमिलनाडु के चेंगलपट्टू और कडलूर जिलों में भारी बारिश के चलते स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

विदर्भ में भी दिखेगा असर:
तूफान का असर महाराष्ट्र तक पहुंच सकता है। आईएमडी ने विदर्भ के जिलों-चंद्रपुर, नागपुर, यवतमाल, गडचिरोली, वर्धा, वाशिम, भंडारा और गोंदिया में 30 अक्टूबर तक भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई है।