महाकाल लोक परिसर से हटाई गई तकिया मस्जिद के मामले में याचिका खारिज, नमाज कहीं भी अदा की जा सकती है: हाई कोर्ट

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इंदौर: प्रसिद्ध महाकाल लोक परिसर की तकिया मस्जिद को हटाए जाने के मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने मस्जिद तोड़े जाने के खिलाफ दायर की गई अपील को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता मोहम्मद तैयब और कुछ अन्य लोगों ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि तकिया मस्जिद लगभग 200 साल पुरानी थी और इसकी जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे तोड़ने का कोई अधिकार नहीं था। याचिका में मस्जिद का पुनर्निर्माण कराने और इस कार्रवाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। शासन की ओर से पैरवी कर रहे वकील आनंद सोनी ने कोर्ट को बताया कि जमीन का अधिग्रहण पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जमीन के बदले में संबंधित पक्ष को मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है और अब यह भूमि पूर्ण रूप से सरकार के स्वामित्व में है। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि वक्फ बोर्ड ने इस मामले को लेकर भोपाल स्थित वक्फ ट्रिब्यूनल में पहले से ही एक केस दायर कर रखा है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के दावों को अपर्याप्त माना।