भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार पांच दिनों का होगा, लेकिन इसमें सिर्फ चार ही बैठकें प्रस्तावित की गई हैं। विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। सत्र 1 दिसंबर से आरंभ होकर 5 दिसंबर तक चलेगा, बीच में एक दिन बुधवार को अवकाश रहेगा। सूत्रों के मुताबिक, सत्र के दौरान राज्य सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश करने की तैयारी कर रही है। इनमें वित्तीय प्रावधानों और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े प्रस्ताव शामिल हो सकते हैं। सरकार इस सत्र को संक्षिप्त लेकिन प्रभावी बताकर नीति आधारित चर्चाओं पर जोर देने की बात कर रही है। विधानसभा सचिवालय में अशासकीय विधेयकों की सूचनाएं 4 नवंबर 2025 तथा अशासकीय संकल्पों की सूचनाएं 20 नवंबर 2025 तक प्राप्त की जाएगी। जबकि स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण, नियम 267 – क के अधीन सूचनाएं विधानसभा में 25 नवंबर 2025 से कार्यालय में सुबह 11 बजे शाम 4 तक प्राप्त की जावेंगी।
विपक्ष उठाएगा कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे:
वहीं, विपक्ष ने चार बैठकें तय किए जाने पर आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार जानबूझकर छोटा सत्र बुला रही है ताकि विपक्ष को सवाल उठाने का अवसर न मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सदन में चर्चा से बचना चाहती है, इसलिए बहस के दिन घटा दिए गए हैं। सिंघार ने यह भी कहा कि किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी, जातीय संघर्ष और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं, जिन्हें विपक्ष सत्र में जोरदार ढंग से उठाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार विधानसभा की कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट से परहेज कर रही है, ताकि जनता तक सच्चाई न पहुंचे।
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