शाजापुर: मध्य प्रदेश में अपनी तरह के पहले ‘बोमा तकनीक ऑपरेशन’ और हेलीकॉप्ट से हांका लगाकर हिरण व नीलगाय पकड़ने के अभियान को काफी सफलता मिली है। केंद्र सरकार ने पहले 400 हिरणों को पकड़ने का लक्ष्य दिया था, अब इसे बढ़ाकर 1 हजार कर दिया गया है। इधर शुजालपुर में किसान संघ ने अभियान में उनके क्षेत्र से भेदभाव के आरोप लगाए हैं। दक्षिण अफ्रीका के एक्सपर्ट की देखरेख में शाजापुर के कालापीपल क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से हांका लगाकर हिरण और नीलगाय पकड़े जा रहे हैं। इसमें विशेष तौर पर बोमा तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि जिले में 15 अक्टूबर से चल रहे कृष्णमृग और नीलगाय स्थानांतरण अभियान में वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है। फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले 400 कृष्णमृग पकड़ने का प्रारंभिक लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है, और बुधवार तक 448 कृष्णमृग पकड़े जा चुके हैं। वन विभाग ने केंद्र सरकार को 600 अतिरिक्त कृष्णमृगों को पकड़ने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। देवास डीएफओ के मुताबिक अब शाजापुर से कुल 1000 कृष्णमृग पकड़कर मंदसौर के गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य और अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में स्थानांतरित किए जाएंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वीएन अंबाड़े, उज्जैन संभागायुक्त आशीष सिंह, देवास कलेक्टर ऋतुराज सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर इस संवेदनशील वन्यजीव स्थानांतरण कार्रवाई की निगरानी कर रहे हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हेलीकॉप्टर से हांका लगाए जाने के दौरान हिरणों के पीछे न भागें।





